साधु संग कोठी को लेकर विवाद में असमंजस बरकार, कोई कह रहें है ट्रस्ट की जमीन कोई बता रहें है निजी
Madhupur News: भू-माफियाओं की गतिविधियां लगातार तेजी से क्षेत्र में बढ़ती ही रही हैं। वहीं भू-माफिया भी धीरे-धीरे वैसे विवादित कोठियों व जमीन पर पांव पसार रहे हैं। जिनका वारिस को लेकर असमंजस बरकरार है या पारिवारिक विवाद चल रहा है। खास कर शहर में भू-माफियाओं की अधिक चलती है, क्योंकि इनकी पहुंच बड़े बड़े अफसरों से लेकर मंत्री तक है। ये माफिया हर तरह की सुविधाओं से लैस रहते हैं। हथियार से लेकर ऊंची पहुंच और प्रशासन तक पैठ के चलते किसी की हिम्मत नही होती है जो इनके खिलाफ़ बगावत कर दे।
ये भूमि माफिया बराबर विवादित जमीन की टोह में लगे रहते हैं, लाखों रूपये की भूमि को माफिया समूह कौड़ी के मोल में लेकर गुर्गे की मदद से विवादित जमीन को हथियाते हैं। बाद में उसे करोड़ों में बेच देते हैं। यह धंधा शहर में काफी पहले से चला आ रहा है। खतरे की बात ये है कि पहले की अपेक्षा अब ऐसे भू-माफियाओं की संख्या बढ़ गई है। थाना क्षेत्र में लगातार वैसे विवादित जमीन को लेकर बमबाजी, गोलीबारी व मारपीट का घटना लगातार सामने आ रही है। वहीं ताजा मामला शहर के पत्थरचपटी स्थित साधु संग कोठी के 2 एकड़ 27 डिसमिल जमीन को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है।
मधुपुर के पत्थरचपटी में शुक्रवार को जमीन घेराबंदी को लेकर फायरिंग करने का मामला सामने आया है। भू स्वामी मुकेश चौधरी ने बताया की ये जमीन प्लॉट नंबर 409 को टुकड़े टुकड़े में कई लोगों ने खरीदा है और अब बाउंड्री किया जा रहा है। कुछ लोगों को रंगदारी नही देने पर असमाजिक तत्वो ने भूमी पर फायरिंग की है। जानकारी के अनुसार पत्थरचपटी मुहल्ला स्थित साधुसंघ की जमीन की चहारदीवारी का कार्य करा रहे भू स्वामी को भयभीत करने के उद्देश्य से आज एक दर्जन से अधिक दबंगो ने हवाई फायरिंग की व फरार हो गए। घटना के बाद से ही भू स्वामी व मजदूरो में भय का माहौल है। लेकिन बुलेटिन पेज इस फायरिंग की घटना की पुष्टि नहीं करती है। घटना की सूचना पर थाना के सब इंस्पेक्टर रूपेश कुमार पुलिस बल के साथ घटना स्थल पहुंचे और मामले की छानबीन की। उन्होंने जमीन के अगल-बगल रह रहे लोगों से घटना के संबंध में जानकारी लिया। तनाव की महौल को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्य बन्द करा दिया है।
वही एक पक्ष का कहना है कि उक्त ज़मीन को धोखा धडी करके भूमाफिया से के साथ खरीद फरोख्त कर बेच रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है ये जमीन ट्रस्ट की है, जिसे खरीद फरोख्त नहीं किया जा सकता है, फिर कैसे खरीद फरोख्त किया जा रहा है।
इसमें क्या सच्चाई है इसको लेकर अंचलाधिकारी एवं प्रशासन को प्रेस वार्ता कर लोगों को सच्चाई से अवगत कराने की आवश्यकता है, ताकि असमंजस की स्थिति समाप्त हो और जमीन विवाद समाप्त हो।
इसके पूर्व शहर के बड़बाद, 52 बीघा सापहा, आम बगान, एवरग्रीन ट्रस्ट, डालमिया धर्मशाला, हरलाताड़ तालाब जमीन, मीना बाजार तालाब, शेखपुरा स्थित जमाबंदी जमीन को बसोड़ी बनाकर बेचने समेत अन्य कई विवादित जमीन को लेकर मामला थाना पहुंच चुका है। लगातार भूमाफिया के द्वारा वैसे जमीनों पर नजर बनाए हुए है। संथाल परगना में जमीन विवाद एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है इस पर प्रशासन को गंभीरता से निपटने की आवश्यकता है।